यह जीवन भी है कैसा यहां इंसान को चाहिए है हरदम पैसा, पैसे की खातिर इंसान बन गया हैवान यह जीवन भी है कैसा यहां इंसान को चाहिए है हरदम पैसा, पैसे की खातिर इंसान ब...
मैं खुद को संभालता हूं रोज़ उन पलों में जब तुम साथ होती हो उन पलों में भी जब तुम दूर चली जाती हो म... मैं खुद को संभालता हूं रोज़ उन पलों में जब तुम साथ होती हो उन पलों में भी जब तु...
एक टुकड़ा आकाश एक टुकड़ा आकाश
इन बच्चों के हाथों में चाँद का टुकड़ा रहने दो इन बच्चों में अभी थोड़ा बचपना रहने दो l इन बच्चों के हाथों में चाँद का टुकड़ा रहने दो इन बच्चों में अभी थोड़ा बचपना ...
वो चाहती है छाँव का एक टुकड़ा, जहां बैठ कर अपने ममता का आंचल उस पर ओढ़ा सके, वो चाहती है छाँव का एक टुकड़ा, जहां बैठ कर अपने ममता का आंचल उस पर ओढ़ा सके,
लिखना मेरी भी एक दास्ताँ देना मुझे भी कागज का टुकड़ा। लिखना मेरी भी एक दास्ताँ देना मुझे भी कागज का टुकड़ा।